ABHIJIT RANJAN

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उन्हें ढूंढ़ते चलों

वो याद आए या ना आए,
उन्हें ढूंढ़ते चलों
कहां रुकती है उनके कदम,
उन्हें ढूंढ़ते चलों
हम से दूरी है नजर मोहब्बत,
मै क्या कहूं?
उन्हें किस बात की है खबर,
उन्हें ढूंढ़ते चलों
मै ढूंढ रहा हूं, सपने विराम है,
मेरी मंज़िल जहां है
उन्हें किस बात की खबर है,
उन्हें ढूंढ़ते चलों
कौन सी महफ़िल के शायर है, हम
उन्हें ढूंढ़ते चलों।।
                       (अभिजीत रंजन)
                         8299122106


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